कच्चा पक्का सा है कुछ मनं मेरा ,
कुछ कठोर कुछ कोमल यादो का है बसेरा ,
सुबह से सांझ तक के सफ़र में है साथ तेरा ,
कभी थकानो में कभी ढलानों में ,
कभी मुलाकातों में कभी मुस्कानों में ,
कभी अकेले में कभी मेले में ,
पल पल संजोये रखा है तुने मेरे जीवन का.