बचपन की यादो की गलियो में,
उन हंसी ठिठोली की यादो में,
तेरे मेरे के छोटी छोटी लड़ाईओ में,
जो खुसी थी वो आज कहा,
जो मज़ा था वो आज कहा,
वो स्कूल की घंटी का इंतज़ार,
वो हलकी फुलकी चाहतो का बाज़ार,
वो बारिश के बूंदों में होना तार तार,
जो खुसी थी वो आज कहा,
जो मज़ा था वो आज कहा,
दूर दूर तक पैदल चलना,
इसके उसके ऊपर पानी छिड़कना,
बारिश में भींगे सर पर माँ का हाथ,
जो खुशी थी वो आज कहा,
जो मज़ा था वो आज कहा.
very good
ReplyDelete