एक मिटटी के ढेर से बना हु पर अब इंसान हु,
न रोक सकते हो मुझे न ही टोक सकते हो यही सच्चाई है,
मेरी सोच में ताकत है इतनी की हवा को तूफ़ान में बदल सकता है,
सुन्दरता काफूर हो सकती हिम्मत जवाब दे सकती है,
पर इरादों की ताकत कुछ आगे तक जा सकती है,
चाहे ज़मीन हो पथरीली या हवाए बर्फीली,
हार मानना नहीं सिखा हु न ही सीखूंगा,
कुछ करने आया हु इतिहास बनके ही इस दुनिया से जाऊंगा .
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